Sometimes people carry to such perfection the mask they have assumed that in due course they actually become the person they seem.
W. Somerset Maugham (1874-1965) |
दोहरे पदोन्नति नियमों पर चिंता
ASSOCIATION OF SCHOOL PRINCIPALS &
INSPECTION OFFICERS
{ ASPIO }
Dr.
Nareender Sharma Vinod Chaudhary President General Secretary GSSS Basa (Solan) GSSS
Upperli Kothi (Kangra)
----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- B.K. Sharma, Press Secretary, GSSS Choru,
District Hamirpur 177044. Mobile :
9129108500, 9418021715
02.02.14
प्रैस नोट
स्कूल प्रिंसिपल एसोसिएशन की राज्य कार्यकारिणी
ने शिक्षा विभाग के दोहरे पदोन्नति नियमों पर
चिंता जताई है। एसोसिएशन के प्रधान ड नरेंद्र शर्मा ने कहा है कि हाल ही में 349 प्रशिक्षित अध्यापकों व पदोन्नत
प्राध्यापकों को हैडमास्टर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि
यह पदोन्नतियां नियमित आधार पर की गई हैं, जबकि अक्टूबर, 2013 में 262 हैडमास्टरों व 113 स्कूल लैक्चररों को पदोन्नत करके केवल प्रिंसिपल के पद का
कार्यभार ही दिया गया। उन्हें कार्यभार संभालने का
कोई वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा अर्थात् उनका वेतन पहले वाला ही रहेगा। डॉ. शर्मा ने बताया कि शिक्षा विभाग 2006
से लगातार प्रिंसिपलों के पदों को तदर्थ आधार पर भर
रहा है, जिससे उन्हें भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है।
संघ के राज्य प्रवक्ता बाल कृष्ण शर्मा ने बताया कि अनेक प्रिंसिपल बिना किसी
वित्तीय लाभ के ही रिटायर हो
गय हैं । प्रवक्ता ने बताया कि यह
अपने आप
में एक अचम्भा है कि तदर्थ प्रिंसिपलों
के नीचे नियमित स्टाफ काम कर रहा है । एसोसिएशन
ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि इस मामले में
व्यक्तिगत हस्तक्षेप कर दोहरे मापदंडों को समाप्त करें ।
(बाल कृष्ण शर्मा)
प्रवक्ता, प्रधानाचार्य संघ ।
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दोहरे पदोन्नति नियमों पर जताई चिंता
स्कूल प्रिंसिपल एसोसिएशन की राज्य कार्यकारिणी ने शिक्षा विभाग के दोहरे पदोन्नति नियमों पर चिंता जताई है। एसोसिएशन के प्रधान डॉ. नरेंद्र शर्मा ने यहां जारी बयान में कहा कि हाल ही में ३४९ प्रशिक्षित अध्यापकों को हैडमास्टर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि यह पदोन्नतियां नियमित आधार पर की गई हैं, जबकि अक्टूबर, २०१३ में २६२ हैडमास्टरों व ११३ स्कूल लैक्चररों को पदोन्नत करके केवल प्रिंसिपल के पद का कार्यभार ही दिया गया। उन्हें कार्यभार संभालने का कोई वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा अर्थात् उनका वेतन पहले वाला ही रहेगा। डॉ. शर्मा ने बताया कि शिक्षा विभाग ने २००६ से लगातार प्रिंसिपलों के पदों को तदर्थ आधार पर भर रहा है, जिससे उन्हें भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि इस मामले में व्यक्तिगत हस्तक्षेप कर दोहरे मापदंडों को समाप्त करें।
जूनियर कैसे बनाए उपनिदेशक
सोलन — प्रदेश शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर से सवालिया निशान लगा है। जूनियर प्रधानाचार्य को विभाग ने पदोन्नति देकर उपनिदेशक बना दिया, जबकि प्रदेश के सैकड़ों सीनियर प्राधानाचार्यों को दरकिनार कर दिया गया है। विभाग द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद प्रदेश के करीब 600 प्रधानाचार्यों में रोष पनप रहा है। एडहॉक प्राधानाचार्य की पदोन्नति पर स्कूल प्राधानाचार्य एसोसिएशन ने भी कड़ा रोष जताया है और सरकार से मांग की है कि इस फैसले को वापस लिया जाना चाहिए। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डा. नरेंद्र शर्मा ने बताया कि प्रदेश शिक्षा विभाग की दशा चिंताजनक बनी हुई है। विभाग की गलत नीतियों की वजह से शिक्षकों में रोष पनप रहा है। उन्होंने बताया कि हाल ही में शिक्षा विभाग द्वारा 16 एडहॉक पर रखे गए प्रधानाचायों को उपनिदेशक बनाया गया है, जिसके बाद विभाग की प्रशासनिक विसंगतियां सामने आई हैं। डा. नरेंद्र शर्मा ने बताया कि इस सूची में हैडमास्टर कैडर के 2008 के एडहॉक प्रधानाचार्य, प्रवक्ता कैडर के 2001, 2003, 2005 व 2007 के प्रधानाचार्यों को उपनिदेशक पदों पर पदोन्नत किया गया है। विभाग द्वारा नियमित प्रधानाचार्यों की बजाए एडहॉक प्रधानाचार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। डा. नरेंद्र शर्मा ने कहा कि 2001, 2003 व 2005 के प्रवक्ता कैडर के प्रधानाचार्यों के अधीन कार्य कर चुके प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक टीजीटी पदोन्नत प्रवक्ताओं को पहली पदोन्नति हैडमास्टर, दूसरी पदोन्नति प्रधानाचार्य तथा तीसरी पदोन्नति उपनिदेशक प्राप्त की है। इनकी एसीआर वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट लिखने वाले प्रधानाचार्य जस के तस ही हैं। इससे स्पष्ट होता है कि प्रदेश के वरिष्ठ 600 प्रधानाचार्यों में प्रशासनिक अंसतोष, निराशा, हताशा, मानसिक कुंठा व द्वेष की भावना को जन्म देगी, जबकि ऐसोसिएशन महासचिव विनोद चौधरी ने कहा कि शिक्षा विभाग में ऐसी सभी विसंगतियां पैदा करने वाले तमाम भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में बदलाव किया जाना चाहिए।
केंद्रीय आधार पर ग्रेड-पे की मांग
स्कूल
प्रधानाचार्य एवं निरीक्षण अधिकारी संघ ने अपनी लंबित मांगों का पुलिंदा कांगड़ा
दौरे पर आए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को सौंपा। संघ के राज्य महासचिव विनोद चौधरी, जिलाध्यक्ष अनिल नाग तथा सलाहकार ओपी
विशिष्ट की अगवाई में मुख्यमंत्री से मिले प्रधानाचार्यों संघ ने मांग की है कि
वर्ष 2006 में पदोन्नत हुए
प्रधानाचार्य आज दिन तक एडहॉक आधार पर कार्य कर रहे हैं, जिन्हें तुरंत प्रभाव वे नियमित कर सभी
देय वित्तीय लाभ प्रदान किए जाएं। उन्होंने जहां स्कूल प्रधानाचार्यों के लिए
केंद्रीय आधार पर ग्रेड-पे को 6600 से बढ़ाकर 7600 करने की मांग उठाई, वहीं डिप्टी डायरेक्टर पद के लिए पदोन्नति
में मुख्याध्यापक तथा प्रवक्ता कैडर के अनुपात को भी 50-50 करने का प्रस्ताव
रखा। उन्होंने मुख्याध्यापक तथा प्रवक्ता के दोनों कैडर के लिए पदोन्नति हेतु साझी
वरिष्ठता सूची बनाने की भी मांग की। संघ के पदाधिकारियों ने शिक्षा निदेशालयों में
सहायक निदेशक के पदों पर केवल प्रधानाचार्य को तैनात करने तथा प्रति माह 1500 रुपए प्रशासनिक
भत्ते प्रदान करने का भी मुद्दा उठाया। इसके अलावा स्कूलों में शिक्षा के स्तर के
सुधार के लिए स्कूल प्रमुखों तथा उच्च निदेशक के बीच त्रैमासिक संवाद को भी आवश्यक
बनाने की मांग रखी।
प्रधानाचार्य से भरें सहायक निदेशक के पद
स्कूल प्रधानाचार्य एवं निरीक्षण अधिकारी संघ ने सरकार से मांग की है कि स्कूल कैडर में कार्यरत एडहॉक प्रधानाचार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पक्का किया जाए। संघ की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक सीसे स्कूल बिलासपुर में हुई। इसकी अध्यक्षता राज्य अध्यक्ष डा0 नरेंद्र शर्मा ने की। उन्होंने कहा कि कई प्रधानाचार्य 2006 से बिना नियमित हुए सेवानिवृत्त हो गए हैं। उन्होंने मांग की कि शिक्षा निदेशक के पदों पर पदोन्नति 50-50 के अनुपात में की जाए। प्रधानाचार्यों की ग्रेड पे केंद्र की तर्ज पर 7600 करने और प्रदेश में केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने की भी मांग उठाई। साथ ही कहा कि सहायक निदेशक के पद प्रधानाचार्य कैडर से भरे जाएं। इसके अलावा नव नियुक्त प्रधानाचार्यों के लिए इंडक्शन कोर्स करवाने, सर्वशिक्षा अभियान एवं राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के प्रशिक्षण स्कूल आधार पर करवाने, प्रधानाचार्यों का प्रशासनिक भत्ता 500 रुपये करने समेत कई मांगें उठाईं। संघ के नेताओं ने कहा कि डाइट के प्रधानाचार्य के पद को उप निदेशक में परिवर्तित किया जाए। सीनियर सेकेंडरी के लिए अलग से निदेशालय बनाया जाए। सलाहकार जोगिंद्र राव और राजेंद्र वर्मा ने कहा कि अध्यापकों के लिए संयुक्त समन्वय समिति का गठन हो। उप निदेशक के पद को पदोन्नति का पद माना जाए न कि प्लेसमेंट का। यदि उप निदेशक का पद किसी जिले में रिक्त हो तो इसे स्कूल कैडर के प्रधानाचार्य से अस्थाई तौर पर भरा जाए। बैठक में किशोरीलाल, विनोद चौधरी, अजय पुरी, मीना राजपूत, अनिल कुमारी, डा. शोभा गर्ग, नीरज पालीवाल, डा. अमरजीत, विद्यासागर, प्रदीप ठाकुर, बीआर चौहान, संजय मेहता, अनिल नाग, ओपी वशिष्ठ भी उपस्थित थे।
संघ एक मांग पत्र तैयार करेगा --- केएल शर्मा
हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रधानाचार्य एवं निरीक्षण अधिकारी संघ ने अपनी मांगें मनवाने के लिए रणनीति बनाई है। प्रशासनिक भत्ता 500 रुपये करने, तदर्थ आधार पर नियुक्त प्रधानाचार्यों को नियमित करने समेत कई मांगों को उठाया जाएगा। इसके लिए 16 अक्तूबर को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (बाल) बिलासपुर में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक होगी। बैठक में सभी जिलों के प्रधान, महासचिव एवं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाग लेंगे। वरिष्ठ उपप्रधान केएल शर्मा ने बताया कि इस बैठक में संघ एक मांग पत्र तैयार करेगी। कई सालों से लटकी मांगों को पूरा करने के लिए यह मांगपत्र राज्य सरकार को सौंपा जाएगा।
उन्होंने कहा कि कई प्रधानाचार्यों की पदोन्नति 2006 के बाद तदर्थ आधार पर हुई है। उन्हें अभी तक नियमित नहीं किया गया है। मांगपत्र में ऐसे प्रधानाचार्यों को नियमित करने के मसले को उठाया जाएगा। इसके अलावा सभी प्रधानाचार्यों को 4-9-14 के वेतनमान देने संबंधी मांग भी लंबित चल रही है। प्रशासनिक भत्ता 300 से बढ़ाकर कम से कम 500 रुपये किया जाना चाहिए। ऐसी तमाम मांगों को लेकर इस बैठक में चरचा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि कई प्रधानाचार्यों की पदोन्नति 2006 के बाद तदर्थ आधार पर हुई है। उन्हें अभी तक नियमित नहीं किया गया है। मांगपत्र में ऐसे प्रधानाचार्यों को नियमित करने के मसले को उठाया जाएगा। इसके अलावा सभी प्रधानाचार्यों को 4-9-14 के वेतनमान देने संबंधी मांग भी लंबित चल रही है। प्रशासनिक भत्ता 300 से बढ़ाकर कम से कम 500 रुपये किया जाना चाहिए। ऐसी तमाम मांगों को लेकर इस बैठक में चरचा की जाएगी।
Executive Members Meeting
Executive Members of ASPIO will meet on 16th of October at 10.00 a.m. in Government Senior Secondary School for Boys Bilaspur. The state President Dr. Narender Sharma will chair the meeting.The General Secretary of the state body Mr. Vinod chaudhary has stated that this is first meeting of the executive after general election in June, 2013. he said that letter have already been dispatched to all the members requesting to be present in the meeting. He further stated that the meeting has been convened to chalk out the demands of the Principals' body. he said that the members of the Association are perturbed over the dilly-dallying tactics of the department regarding not regularizing school principals since long. Mr. Chaudhary stated that the recent move of the department to give DDO powers at the cluster level will increase the difficulties of the staff as well as staff.
डीडीओ पावर छीनने से प्रिंसिपल संघ खफा
स्कूल प्रिंसिपल एंड इंस्पेक्शन आफिसर संघ ने शिक्षा विभाग की स्कूल प्रधानाचार्यों की डीडीओ शक्तियों को कलस्टर स्तर पर देने की योजना का विरोध जताया है। प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र शर्मा एवं महासचिव विनोद चौधरी ने कहा कि विभाग का यह निर्णय व्यावहारिक नहीं है। प्रदेश की भौगोलिक स्थितियां ऐसी नहीं हैं जहां एक दिन में एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से जाया जा सके।
उन्होंने कहा कि विभाग में पहले ही कई पद रिक्त चल रहे हैं। और यदि इस योजना को क्रियान्वित किया जाता है तो कलस्टर संदेश वाहक का एक अन्य पद सृजित करना पड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया है कि शिक्षा निदेशालय में कुछेक ऐसे अधिकारी हैं, जिन्हें विद्यालय शिक्षा पद्धति का ज्ञान नहीं है। ऐसे में अधिकारी तर्कविहीन योजनाओं को लागू करवा रहे हैं। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के स्तर तक कलस्टर प्रणाली उचित है। उन्होंने कई वर्षों से प्रधानाचार्यों को नियमित न करने का विरोध किया।
उन्होंने कहा कि विभाग में पहले ही कई पद रिक्त चल रहे हैं। और यदि इस योजना को क्रियान्वित किया जाता है तो कलस्टर संदेश वाहक का एक अन्य पद सृजित करना पड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया है कि शिक्षा निदेशालय में कुछेक ऐसे अधिकारी हैं, जिन्हें विद्यालय शिक्षा पद्धति का ज्ञान नहीं है। ऐसे में अधिकारी तर्कविहीन योजनाओं को लागू करवा रहे हैं। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के स्तर तक कलस्टर प्रणाली उचित है। उन्होंने कई वर्षों से प्रधानाचार्यों को नियमित न करने का विरोध किया।