हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की गत दिनों शिमला में आयोजित बैठक में प्रदेश के सभी सरकारी शिक्षा संस्थानों में अवकाश एवं शैक्षणिक सत्रा में समानता लाने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने प्रदेश के सभी ग्रीष्मकालीन एवं शरदकालीन स्कूलों में कुल 52 दिनों की संशोधित अवकाश सारिणी अनुमोदित की। यह सारिणी अगले शैक्षणिक सत्र से लागू होगी। कुल्लू व लाहौल स्पीति जिलों को छोड़कर प्रदेश के सभी ग्रीष्मकालीन शिक्षण संस्थानों में प्रति वर्ष 20 जुलाई से 10 अगस्त तक 22 दिनों का मानसून अवकाश दिया जाएगा। इसके अलावा छह दिन का उत्सव अवकाश भी प्रदान किया जाएगा जो दिवाली उत्सव से चार दिन पहले आरंभ होगा। शरदकालीन स्कूलों में अवकाश हर वर्ष प्रथम जनवरी से 24 जनवरी तक रहेगा। कुल्लू ज़िले में 20 जुलाई से 10 अगस्त तक 22 दिनों का मानसून ब्रेक होगा और छह दिवसीय उत्सव अवकाश दशहरा उत्सव से एक दिन पहले आरंभ होगा। यहां 24 दिवसीय शीतकालीन अवकाश प्रथम जनवरी से 24 जनवरी तक मिलेगा। लाहौल-स्पीति ज़िले में 42 दिनों का ग्रीष्मकालीन अवकाश 17 जुलाई से 27 अगस्त तक होगा जबकि 10 दिवसीय दशहरा अवकाश दशहरा उत्सव के एक दिन पूर्व आरंभ होगा। शीतकालीन स्कूलों में 15 दिवसीय मानसून अवकाश 27 जुलाई से 10 अगस्त के बीच होगा तथा छह दिवसीय उत्सव अवकाश दिवाली से चार दिन पूर्व दिया जाएगा। शरदकालीन स्कूलों में यह अवकाश प्रथम जनवरी से 31 जनवरी तक रहोगा। किन्नौर पांगी तथा भरमौर जनजातीय क्षेत्रा भी प्रदेश के अन्य शरदकालीन स्कूलों की अवकाश समय सारिणी के अनुसार संचालित होंगे। मुख्यमंत्री प्रोo प्रेम कुमार धूमल ने बैठक की अध्यक्षता की। मंत्रिमंडल ने छठी कक्षा से आठवीं कक्षा के शैक्षणिक पाठ्यक्रम में हिमाचल की लोक संस्कृति और योग तथा हिमाचल के वीर सैनिकों की गाथाएं शामिल करने को मंजूरी दी।
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